निम्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए-

व्यथा आदमी को पराजित नहीं करती, उसे आगे बढ़ने का संदेश देती है।

लेखक का आशय यह है कि जीवन में आने वाले दुख मनुष्य को कभी हरा नहीं सकते बल्कि वह तो जीवन में आगे बढ़ने का संदेश देते हैं। जिंदगी में आदमी को सुख के साथ हताशा और व्यथा भी मिलती है लेकिन व्यथा और दुख से आदमी को निराश नहीं होना चाहिए। कहा जाता है कि असफलता तो सफलता के लिए सीढ़ी का काम करती है। जो लोग दुखो से घबरा कर बैठ जाते हैं वह जीवन में कभी भी सफल नहीं हो सकते। जीवन में आने वाले दुख और कठिनाइयां हमें और अधिक मजबूत बनाती हैं और जीवन में निरंतर आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है। दुखो से घबराने के स्थान पर इन से प्रेरणा लेकर हमें निरंतर आगे बढ़ने का प्रयास करना चाहिए। जो लोग ऐसा कर पाते हैं वही सफल होते हैं। इस तरह से यह कहा जा सकता है कि व्यथा आदमी को पराजित नहीं करती, उसे आगे बढ़ने का संदेश देती है।


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